(तर्ज:- मेरे सपनो की राणी कब आयेगी तू...)
ये कोरोना मायके कब जायेगा तू
और कबतक लोगो की जान खायेगा तू
और जाकर फिर नही आयेगा तू
चला जा कोरोना... चला जा ॥धृ॥
भारत मे आना ...लोगो मे फैलना
पूरे देश मे ...तेरा बस जा ना
और कब तक यहा रहे पायेगा तू
ये कोरोना माय के कब जायेगा तू ॥१॥
मुॅह पे मास्क... लगा रहे है
सॅनिटायझर से हात...धो रहे है
और कब तक ऐसे कर वायेगा तू
ये कोरोना मायके कब जायेगा तू ॥२॥
मेरे देश को... किया तुने लाॅकडाऊन
लोगो की इन्कम... हो गयी डाउन
और कब तक घर मे रहे वायेगा तू
ये कोरोना मायके कब जायेगा तू ॥३॥
दोस्तोसे ना मीलना... घर मे ही रहेना
जरुरत के वक्त पे... बाहर ही निकलना
और कब तक घर मे रहे वायेगा तू
ये कोरोना मायके कब जायेगा तू ॥४॥
लोगो के दिल में... डर बना रहा है
मुॅह मे भी अब... राम आ रहा है
और कब तक हमेशा ऐसे डरायेगा तू
ये कोरोना मायके कब जायेगा तू ॥५॥
क्या भरोसा है ..अब जिंदगी का
बंगला ,पैसा.....न कोई काम का
और कब तक लोगो की जान ले जायेगा तू
ये कोरोना मायके कब जायेगा तू॥६॥
उज्वल विजय त्रिनगरीवार
मु. पो. ता. गोंडपिपरी जि.चंद्रपूर
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