चंद्रपूर जिल्ह्यातील सर्वात मोठे निसर्गाच्या सानिध्यात असलेले आसोला मेंढा तलाव पर्यटन स्थळाच्या प्रतिक्षेत.

चंद्रपूर जिल्ह्याला वरदान असलेले आसोला मेंढा तलाव पर्यटन स्थळापासून वंचित.
Bhairav Diwase.   June 28, 2020
(आधार न्यूज नेटवर्क ग्रामीण प्रतिनिधी) मिथुन मेश्राम, पाथरी सावली
सावली:- सावली तालुक्यातील  पाथरी गावाच्या  हद्दीतील  आसोला  मेंढा  तलाव  हे  इंग्रजकालीन  इ.स. १९१७  साली  निर्मित  सिंचनाच्या  दृष्टीने  शेतकर्यांच्या  हितासाठी  निर्माण  केलेल्या   तलावाला  आज  १०३  वर्ष  पूर्ण  झाली  आहेत.  २०१७  साली  या  तलावाने  १००  वर्ष  पूर्ण  केले  असून  या  तलावाचा  शतक  पूर्ती  महोत्सव  साजरा  होईल  अशी  आशा  असताना  ती  फोल  ठरलेली  आहे.  जिल्ह्यातील  सर्वात  मोठया  तलावाच्या  यादीत  प्रथम  वर्णी  असलेल्या  या  तलावाकडे  शासनाचे  लक्ष  नसताना  सुद्धा  हा  तलाव  निसर्ग  सौंदर्याने  नटलेला  आहे. ब्रिटिशांनी  हा  तलाव  सिंचनाच्या  सोयीसाठी  निर्माण  केला  असला  तरी  या  तलावाने  स्वतःच्या  सौंदर्याने  पर्यटकाचे  मने  जिंकली  आहेत. कोणत्याही  प्रकारची  सौंदर्यासाठी  शासकीय  निधी  नसताना  सुद्धा  हा  तलाव पर्यटकांची  प्रथम  पसंती  ठरला आहे. धक्काबुक्कीच्या  आणि  गडबडीच्या   व्यस्त   जीवनात   कुठेतरी  निसर्गरम्य  वातावरणात  थोड  वेळ  काढून  मनःशांती  लाभावी  असं  प्रत्येकाला  वाटत.  
                 चंद्रपूर  जिल्ह्यामध्ये  बरेच  पर्यटन  स्थळ  आहेत  जसे जागतिक  दर्जाचे  ताडोबा  अंधारी  व्याघ्र  प्रकल्प, घोडाझरी  तलाव  आणि  अनेक  पर्यटन  स्थळे  असताना  सुद्धा जिल्ह्यातील  तसेच  गडचिरोली, नागपूर,  गोंदिया,  भंडारा,  या जिल्ह्यांतील  मोठ्या  प्रमाणात पर्यटक  एक  दिवसासाठी  का होईना  निसर्ग  सौंदर्याने  नटलेल्या  आसोला  मेंढा  तलावाला  भेट  देऊन  आनंद  तृप्तने  समाधानी  होतात.  परंतु  या  तलावाला  पर्यटन  स्थळ  घोषित  करा  ही  मागणी  कित्येक  वर्षांपासून गावपरिसरातील  जनता,  तसेच          येणाऱ्या  पर्यटकांची असून  सुद्धा  या  तलावाची  शासन  दरबारी दखल  कायम  केराची  टोपलीच  राहिली आहे.  पावसाळयात  तलाव  तुडुंब  भरल्यानंतर  वाहणारा  धबधबा  येणाऱ्या  पर्यटकांचे  विशेष  आकर्षण  आहे.  सांडव्यावरून  वाहणारे  खळखळ  आवाजाचे  पाण्याचे  दृश्य  पर्यटकांचे  मन  मंत्रमुग्ध होऊन  हर्षोल्लासाने  हेलावून  टाकणारे  आहे.  या  तलावाला  जर  पर्यटन  स्थळाचा दर्जा  दिला  तर  हे  विदर्भातील  प्रमुख  पर्यटन  स्थळ  म्हणून  जनतेची  पसंती  होणार  असून  शासनाला  या  माध्यमातून  मोठ्या  प्रमाणात  महसूल  मिळून  तिजोरीला   हातभार   लागणार  आहे.  परंतु  या  आसोला  मेंढा  तलावाला  १०३  वर्ष  पूर्ण  होऊनही  कुठल्याही  राजकीय  नेत्याने  या कडे  लक्ष  दिले  नाही. असोला  तलाव  जिल्ह्यातील  सर्वात  मोठे  जलाशय  असून  संपूर्ण तालुक्यातील  शेतकऱ्यांना संजीवनी  ठरलेले  ब्रिटिश  कालीन  तलाव  पर्यटकांसाठी  मात्र  दुर्दैवी  ठरले  आहे. मागील  वर्षी  आत्ताचे  विद्यमान  पालकमंत्री  आणि महाराष्ट्राचे  मंत्री  नामदार  श्री  विजय  भाऊ  वडेट्टीवार  विरोधी  पक्ष  नेते  असताना  या  तलावाला  भेट  देऊन  या  तलावाच्या सौंदर्यीकरणाला   दहा  कोटीची  मागणी  करुन  निसर्ग  सौंदर्याने  नटलेल्या  आसोला मेंढा  तलावाला  पर्यटनाचा  दर्जा  बहाल  करून  पर्यटन  स्थळ घोषित  करू  असे  आश्वस्त  केले.  परंतु  आज  एक  वर्षापेक्षा जास्त  काळ  लोटून  सुद्धा  आसोला  मेंढा  तलाव  पर्यटन  स्थळ  घोषित  होण्याच्या  प्रतीक्षेतच  आहे.
            
               पावसाळा  सुरु झाला  असून  पावसाच्या  सुरुवातीलाच  हा  तलाव  तुडुंब भरलेला  असून  दरवर्षी  प्रमाणे  याहि  वर्षी  हा  तलाव पर्यटकांचे  आकर्षण  ठरणार आहे. सध्या  या  क्षेत्राचे  आमदार मा. नामदार  विजय  भाऊ वडेट्टीवार  हे  जिल्हाचे पालकमंत्री  असून  महाराष्ट्र राज्याचे  मंत्री  आहेत. मंत्रिमंडळात  त्यांची  एक  वेगळी छाप  आहे.  आसोला  मेंढा तलावाला  पर्यटनासाठी  निधी उपलब्ध  करून  देण्याचे आश्वासन  त्यांनी  दिले  असता यावेळी  ते  पूर्ण  होईल  का ?  की  नेहमीप्रमाणे  याकडे  दुर्लक्ष  करून  निराशाच  पदरी  पडेल असे  अनेक  प्रश्न  उपस्थित  होत असून  या  कडे  गावपरिसरतील जनता  तसेच  पर्यटकांचे  लक्ष  लागून  असणार  आहे.

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